स्वीटी बूरा: भारतीय बॉक्सिंग की चमकती सितारा
Boxer Saweety Boora Biograph, भारतीय महिला मुक्केबाजी की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम हैं। उनकी कहानी संघर्ष, समर्पण और दृढ़ता की मिसाल है। हरियाणा के एक छोटे से गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाली स्वीटी ने न केवल भारत का नाम रोशन किया है, बल्कि महिलाओं को खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया है। इस लेख में हम उनके जीवन, करियर, परिवार, व्यक्तिगत जीवन और विवादों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
शुरुआती जीवन और परिवार
स्वीटी बूरा का जन्म 10 जनवरी 1993 को हरियाणा के हिसार जिले के घिराय गांव में हुआ था। उनका परिवार एक सामान्य किसान परिवार है। उनके पिता महेंद्र सिंह एक किसान हैं, जो खेती करते हैं और उनकी माता सुरेश देवी गृहणी हैं। स्वीटी का बचपन साधारण लेकिन प्रेरणादायक था। उनके पिता ने हमेशा उन्हें खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
स्वीटी ने शुरुआत में कबड्डी खेलना शुरू किया था, लेकिन उनके पिता ने उन्हें मुक्केबाजी में हाथ आजमाने की सलाह दी। यह निर्णय उनके जीवन का सबसे बड़ा मोड़ साबित हुआ। 15 साल की उम्र में उन्होंने मुक्केबाजी की ट्रेनिंग शुरू की और अपने गांव से निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
खेल करियर की शुरुआत
स्वीटी बूरा ने 2009 में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग शुरू की। शुरुआत में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि मुक्केबाजी जैसे खेल में महिलाओं को उस समय ज्यादा प्रोत्साहन नहीं मिलता था। लेकिन स्वीटी ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से सभी बाधाओं को पार किया。
उनकी पहली बड़ी उपलब्धि राज्य स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने के रूप में आई। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ी और जल्द ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया।
प्रमुख उपलब्धियाँ
- 2014 AIBA महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप: इस प्रतियोगिता में उन्होंने रजत पदक जीता।
- 2018 एशियाई महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप: उन्होंने गोल्ड मेडल जीता और अपनी क्षमता को साबित किया।
- 2022 सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप: उन्होंने फिर से गोल्ड मेडल हासिल किया।
- 2023 IBA महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप: इस प्रतियोगिता में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता, जो उनके करियर का सबसे बड़ा मील का पत्थर माना जाता है।
व्यक्तिगत जीवन
स्वीटी बूरा का विवाह भारतीय कबड्डी टीम के खिलाड़ी दीपक हुड्डा से हुआ है। दीपक हुड्डा भी खेल जगत में एक प्रसिद्ध नाम हैं और दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में भारत को गौरवान्वित किया है। उनकी शादी पिछले साल हुई थी और यह शादी खेल जगत में काफी चर्चा का विषय बनी थी।
स्वीटी बूरा का पति और परिवार
दीपक हुड्डा ने हमेशा स्वीटी का समर्थन किया है। शादी के बाद भी स्वीटी ने अपनी ट्रेनिंग जारी रखी और अपने खेल पर ध्यान केंद्रित रखा। दीपक और स्वीटी दोनों ही अपने-अपने खेल करियर को लेकर बेहद समर्पित हैं। हालाँकि अभी तक उनके कोई बच्चे नहीं हैं, लेकिन दोनों अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहे हैं। स्वीटी का परिवार भी उनके खेल करियर को लेकर बेहद गर्व महसूस करता है。
स्वीटी बूरा का विवाद
हाल ही में स्वीटी बूरा एक विवाद में फंस गईं जब उनके पति दीपक हुड्डा के साथ पुलिस थाने में मारपीट की घटना सामने आई। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और इससे उनके व्यक्तिगत जीवन पर सवाल उठने लगे।
इस विवाद ने उनकी छवि को थोड़ा प्रभावित किया, लेकिन उनकी खेल उपलब्धियाँ इतनी बड़ी हैं कि यह विवाद उनकी लोकप्रियता को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सका。
स्वीटी बूरा कि कुल संपत्ति (Net Worth)
स्वीटी बूरा की कुल संपत्ति का अनुमान लगभग 1 से 2 करोड़ रुपये के बीच लगाया जाता है। उनकी आय का मुख्य स्रोत उनके खेल करियर से आने वाली पुरस्कार राशि और ब्रांड एंडोर्समेंट्स हैं। वह कई बड़े ब्रांड्स के साथ जुड़ी हुई हैं और उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा, उन्हें सरकार द्वारा भी कई पुरस्कारों और वित्तीय सहायता प्रदान की गई है。
समाज पर प्रभाव
स्वीटी बूरा न केवल एक सफल खिलाड़ी हैं, बल्कि वह समाज में महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। उन्होंने दिखाया कि अगर किसी महिला को सही दिशा और समर्थन मिले तो वह किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती है।
उनकी कहानी हर उस लड़की को प्रेरित करती है जो किसी छोटे गांव या शहर से निकलकर बड़े सपने देखती है। स्वीटी ने साबित किया कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई भी सपना साकार हो सकता है。
निष्कर्ष
स्वीटी बूरा भारतीय बॉक्सिंग की दुनिया में एक चमकता हुआ सितारा हैं। उनका संघर्षपूर्ण जीवन, शानदार करियर और समाज पर सकारात्मक प्रभाव उन्हें एक आदर्श व्यक्तित्व बनाते हैं。
हालांकि हालिया विवादों ने उनकी छवि को थोड़ा प्रभावित किया, लेकिन उनकी उपलब्धियाँ इतनी बड़ी हैं कि वे हमेशा भारतीय खेल जगत में सम्मानित रहेंगी। उनकी कहानी हर युवा खिलाड़ी को प्रेरणा देती है कि मेहनत और दृढ़ता से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है。