अमृतपाल सिंह: जारी संघर्ष और कानूनी विकास
अमृतपाल सिंह के साथियों की NSA हिरासत समाप्त
पंजाब सरकार ने अमृतपाल सिंह के सात साथियों की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत को बढ़ाने से इनकार कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप, इन सात व्यक्तियों को असम के डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब वापस लाया जाएगा, जहां उन पर अज़नाला पुलिस स्टेशन हमले के मामले में मुकदमा चलेगा[1][2][3].
अमृतपाल सिंह, जो ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया हैं, को अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया गया था। उनके साथियों को भी NSA के तहत हिरासत में रखा गया था। अब, पंजाब पुलिस इन सात व्यक्तियों को अज़नाला पुलिस स्टेशन हमले के मामले में आगे की जांच के लिए पंजाब लाने की तैयारी कर रही है[2][3].
अज़नाला पुलिस स्टेशन हमले का मामला
अज़नाला पुलिस स्टेशन हमले के मामले में अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने कथित तौर पर हथियारों के साथ पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। इस घटना के बाद, पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उनके कई साथियों को गिरफ्तार किया था। अब, NSA हिरासत समाप्त होने के बाद, इन सात व्यक्तियों पर इस मामले में मुकदमा चलेगा[2][3].
पंजाब पुलिस के डीआईजी सतिंदर सिंह ने कहा कि वे इस मामले में आगे की जांच करेंगे और इन सात व्यक्तियों को पंजाब लाकर उन्हें अदालत में पेश करेंगे[3].
अमृतपाल सिंह की हिरासत और राजनीतिक जीवन
अमृतपाल सिंह, जो खादूर साहिब से सांसद हैं, को जून 2024 में उनकी NSA हिरासत एक साल के लिए बढ़ा दी गई थी। हालांकि, उनके सात साथियों की हिरासत को बढ़ाने से इनकार कर दिया गया है[1][3].
अमृतपाल सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में खादूर साहिब सीट से जीत हासिल की थी। उन्हें जुलाई 2024 में संसद में शपथ लेने की अनुमति दी गई थी[3].
आगे की कार्रवाई और राजनीतिक प्रभाव
अमृतपाल सिंह के साथियों की वापसी और आगे की कानूनी कार्रवाई पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है। पंजाब पुलिस इस मामले में आगे की जांच करेगी और उन पर मुकदमा चलेगा[2][3].
इस घटनाक्रम से पंजाब की राजनीति में तनाव बढ़ सकता है, खासकर जब अमृतपाल सिंह के समर्थकों को उनकी वापसी के बाद क्या होगा, इस पर सभी की निगाहें होंगी[1][3].