सुनीता विलियम्स: क्यों हैं आज चर्चा में?
आज, 18 मार्च 2025 को, सुनीता विलियम्स, भारतीय मूल की नासा की अंतरिक्ष यात्री, अपनी 9 महीने की लंबी अंतरिक्ष यात्रा के बाद पृथ्वी पर लौटने जा रही हैं। उनकी वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के माध्यम से हो रही है, और यह घटना उन्हें फिर से सुर्खियों में ला रही है।
लंबी यात्रा का कारण
सुनीता और उनके सहयोगी बुच विल्मोर ने जून 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भरी थी। उनका मिशन केवल एक सप्ताह का था, लेकिन तकनीकी समस्याओं जैसे हीलियम रिसाव और वेग में कमी के कारण उन्हें लगभग नौ महीने तक आईएसएस में रहना पड़ा।
वापसी की प्रक्रिया
आज सुबह, भारतीय समयानुसार 3:27 बजे, उनका अंतरिक्ष यान आईएसएस से अनडॉक हो गया। अब वे 17 घंटे की यात्रा के बाद फ्लोरिडा के तट पर उतरेंगे। उनकी वापसी को लेकर नासा ने लाइव अपडेट भी प्रदान किए हैं, जिसमें उनकी सेहत की जांच और अन्य प्रक्रियाएं शामिल हैं।
सुनिता विलियम्स के पति के बारे में
सुनिता विलियम्स, जो एक प्रसिद्ध NASA अंतरिक्ष यात्री हैं, के पति का नाम माइकल जे. विलियम्स है। माइकल एक संघीय मार्शल हैं और U.S. Marshals Service में कार्यरत हैं। वे पूर्व हेलीकॉप्टर पायलट भी रह चुके हैं और हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। यह जोड़ी दो दशकों से अधिक समय से विवाहित है और उनके बीच गहरा संबंध है, जो आपसी सम्मान और साझा अनुभवों पर आधारित है।
माइकल जे. विलियम्स के बारे में मुख्य जानकारी:
- पेशे: माइकल संघीय मार्शल के रूप में कार्य करते हैं, जिनका काम कानून को बनाए रखना और न्यायपालिका की सुरक्षा करना है। हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में उनका अनुभव उन्हें जोखिम प्रबंधन और अनुशासन में सक्षम बनाता है।
- धार्मिक विश्वास: वे हिंदू धर्म का पालन करते हैं और सुनिता की आध्यात्मिक मान्यताओं का समर्थन करते हैं। सुनिता ने अपने अंतरिक्ष मिशनों के दौरान भगवद गीता और ओम जैसे धार्मिक प्रतीकों को साथ ले जाने की बात कही है।
- प्रेम कहानी: यह जोड़ी 1987 में एनापोलिस, मैरीलैंड में नौसेना अकादमी में मिली थी, जब दोनों सेना में सेवा कर रहे थे। उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई, जिसके परिणामस्वरूप उनकी शादी हुई।
- परिवारिक जीवन: यद्यपि उनके कोई biological बच्चे नहीं हैं, सुनिता ने एक बार अहमदाबाद, भारत से एक लड़की को गोद लेने की इच्छा व्यक्त की थी। वे अपने पालतू जानवरों के प्रति भी प्यार रखते हैं, जिसमें उनका जैक रसेल टेरियर, गोर्बी शामिल है।
माइकल सुनिता के जीवन और करियर में एक सहायक भूमिका निभाते हैं, अक्सर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में शांत रहते हैं, जैसे कि सुनिता की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर लंबी अवधि की यात्रा के दौरान तकनीकी समस्याओं के कारण।
सुनीता विलियम्स के परिवार के बारे में जानकारी
सुनीता विलियम्स के माता-पिता
- पिता: दीपक पंड्या, जो कि एक न्यूरोएनाटोमिस्ट हैं, गुजरात के मेहसाणा जिले से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने 1953 में गुजरात विश्वविद्यालय से इंटरमीडिएट साइंस की पढ़ाई की और 1957 में एम.डी. की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने क्लीवलैंड, ओहियो में मेडिसिन में इंटर्नशिप और रेजीडेंसी पूरी की। दीपक पंड्या ने देश भर के विभिन्न अस्पतालों और शोध केंद्रों में काम किया।
- माता: उर्सुलाइन बोनी पंड्या, जो एक स्लोवेनियाई-अमेरिकी हैं।
सुनीता विलियम्स के भाई-बहन
सुनीता विलियम्स तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। उनके बड़े भाई का नाम जे थॉमस है, जो उनसे चार साल बड़े हैं, और उनकी बहन का नाम दीना अन्नाद है, जो तीन साल बड़ी हैं।
सुनीता विलियम्स के बच्चे
सुनीता विलियम्स और उनके पति माइकल जे. विलियम्स के कोई biological बच्चे नहीं हैं। हालांकि, सुनिता ने अहमदाबाद से एक लड़की को गोद लेने की इच्छा व्यक्त की है।
सुनीता विलियम्स के परिवारिक जीवन
सुनीता और माइकल की शादी को 20 साल हो चुके हैं। माइकल एक संघीय मार्शल हैं और दोनों बेजुबानों के प्रति भी गहरा प्रेम रखते हैं। उनके पास पहले गोर्बी नाम का एक जैक रसेल टेरियर था, जो अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनके पास तीन अन्य पालतू जानवर भी हैं।
इस प्रकार, सुनीता विलियम्स का परिवार उनके माता-पिता, भाई-बहन और पति तक सीमित है, और वे अपने परिवार के साथ गहरे संबंध बनाए हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता को पत्र लिखकर उनकी वापसी पर खुशी व्यक्त की है। उन्होंने लिखा कि भारत के लोग उनके अच्छे स्वास्थ्य और मिशन में सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। मोदी ने सुनीता को भारत आने का न्योता भी दिया है।
सुनीता का योगदान
सुनीता विलियम्स ने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए हैं। उन्होंने आईएसएस में 285 दिन बिताए हैं और पृथ्वी की 4576 बार परिक्रमा की है। उनकी उपलब्धियों ने उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बना दिया है, खासकर युवा पीढ़ी के लिए।
निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स की वापसी न केवल उनके व्यक्तिगत सफर का अंत है बल्कि यह भारतीय विज्ञान और तकनीक में भी एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनकी उपलब्धियों ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर एक प्रेरणा बना दिया है। आज उनकी चर्चा इसीलिए हो रही है क्योंकि वे एक बार फिर धरती पर लौटने जा रही हैं, और लोग उनके स्वागत के लिए उत्सुक हैं।